असत्य सब जी रहे
माँ बाप कहते सभी
असत्य न बोलो कभी
आदत में सत्य तभी
गुणी पहचान रहे ।
बच्चे सब सीख गये
सत्य भाषा जान गये
व्यवहार भूल गये
असत्य ही बोल रहे ।
पिता ने पकड हाथ
बच्चों को लेकर साथ
सच कहूँ दीनानाथ
असत्य लोग जी रहे ।
सत्य देता परेशानी
असत्य की मेहरबानी
झूठ देता दाना पानी
सत्य को समझ रहे ।
राजेश कौरव सुमित्र