असंवेदनशीलता
सब कुछ देखकर भी हम अनजान से बन जाते हैं ,
सब कुछ सुनकर भी हम अनसुनी कर जाते हैं ,
शायद हमारे पूर्व कटु अनुभव हमें
इसलिए बाध्य करते हैं ,
या हम पूर्वकल्पित धारणावश
ऐसा व्यवहार करते हैं ,
हम वातावरण निरापद बने रहना चाहते हैं ,
इस प्रकार हम असंवेदनशील से बन जाते हैं।