अश्क को शरम कैसी ?
मैं रोता हूँ तेरी बेवफाई नहीं
अपने हाल पर।
दिल पत्थर का होगा तेरा
मेरा तो पत्थर की किस्मत है।
खोदना चाहे कोई लकीर भी
खोद ले अपनी ही कब्र।
रोने का मुझे ही नहीं तो
अश्क को शरम कैसी ?
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मैं रोता हूँ तेरी बेवफाई नहीं
अपने हाल पर।
दिल पत्थर का होगा तेरा
मेरा तो पत्थर की किस्मत है।
खोदना चाहे कोई लकीर भी
खोद ले अपनी ही कब्र।
रोने का मुझे ही नहीं तो
अश्क को शरम कैसी ?
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