अश्कों का आइना
दिल से तुझे भुलाने की कोशिश की बहुत मगर ,
फिर भी न हटी तेरी तस्वीर मेरी निगाहों से ।
जो उभर आती है बार बार अश्कों के आईने में,
वो भला कैसे मिटेगी हमारी सर्द आहों से ।
दिल से तुझे भुलाने की कोशिश की बहुत मगर ,
फिर भी न हटी तेरी तस्वीर मेरी निगाहों से ।
जो उभर आती है बार बार अश्कों के आईने में,
वो भला कैसे मिटेगी हमारी सर्द आहों से ।