अशीर्षक
कुछ मेरे पास हो जो दे सकूँ मैं ,
अना कम हो तो कुछ ले सकूँ मैं ।
मुहब्बत के दावे बढ़चढ़ के न कर
कर सकता है तो सिर्फ मुहब्बत कर ।
जंगलों में आग कभी लग जाती है,
बस्तियाँ अक्सर जलाई जाती हैं ।
-रवि
कुछ मेरे पास हो जो दे सकूँ मैं ,
अना कम हो तो कुछ ले सकूँ मैं ।
मुहब्बत के दावे बढ़चढ़ के न कर
कर सकता है तो सिर्फ मुहब्बत कर ।
जंगलों में आग कभी लग जाती है,
बस्तियाँ अक्सर जलाई जाती हैं ।
-रवि