“अशांत” शेखर भाई के लिए दो शब्द –
रोज़ देखता हूँ ‘अशांत’, हर मतला बवाल है |
शेखर तेरी कलम में, वाकई कमाल है ||
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लक्ष्मण ‘बिजनौरी’
रोज़ देखता हूँ ‘अशांत’, हर मतला बवाल है |
शेखर तेरी कलम में, वाकई कमाल है ||
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लक्ष्मण ‘बिजनौरी’