अशआर
1-
कड़ी धूप से पाला पड़ गया
रंग चेहरे का काला पड़ गया
एक ऐसी बबा फैली अचानक
ज़माने भर में ताला पड़ गया।
2-
यह गलफ़हमियों का अंधेरा छँटेगा एक दिन
तमाम साज़िशों से पर्दा हटेगा एक दिन
जिसके हाथ में ख़ंजर है अभी इल्ज़ाम उस पे है ‘अर्श’
मगर असल कातिल का चेहरा दिखेगा एक दिन।
3-
धोखा फरेब और दगा कर
मुझको पूरी तरह तबाह कर
दिल भी तोड़ जान भी ले ले ‘अर्श’
अपने सितम की इंतिहा कर।