Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2024 · 1 min read

अविभाज्य का विभाजन

अनहोनी हुई थी उस रात को
जब पता चला मेरा घर मेरा नही
बिताए जहां पर दशक कई
सिंधु के सिक्को की तरह दफ़न
ज़माने बीत गए उस बात को
जो अनहोनी हुई थी उस रात को

निर्दयता का बांध टूटा
जब नवेली दुल्हन की मांग से सिंदूर छूटा
छाती फट गई उस बाप की
जिसके जवान बेटे का साथ छूटा
दंगो ने भी कसर न छोड़ी
नोचकर ताज़ी घाव को
जो अनहोनी हुई थी उस रात को

इंसान का नही इंसानियत को भी शर्मसार किया
धर्मो का ही नहीं दिलों का बटवारा
हुआ
उन नन्हें हाथो को बेरहमी से पीटा गया
क्या उस कातिल की आंखों में शर्म थी न हया
सिंधू के सिक्को की तरह दफ़न
ज़माने बीत गए उस बात को
जो अनहोनी हुई थी उस रात को

~अनुज

4 Likes · 41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रक्षाबंधन का त्यौहार
रक्षाबंधन का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
"" *आओ बनें प्रज्ञावान* ""
सुनीलानंद महंत
सुस्ता लीजिये थोड़ा
सुस्ता लीजिये थोड़ा
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आदि विद्रोही-स्पार्टकस
आदि विद्रोही-स्पार्टकस
Shekhar Chandra Mitra
मेरा वजूद क्या
मेरा वजूद क्या
भरत कुमार सोलंकी
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
परिवर्तन
परिवर्तन
Paras Nath Jha
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
जब भी लिखता था कमाल लिखता था
जब भी लिखता था कमाल लिखता था
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Good night
Good night
*प्रणय प्रभात*
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
सूरज - चंदा
सूरज - चंदा
Prakash Chandra
जवानी
जवानी
Pratibha Pandey
कहाँ मिलेगी जिंदगी  ,
कहाँ मिलेगी जिंदगी ,
sushil sarna
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
शेखर सिंह
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
തിരക്ക്
തിരക്ക്
Heera S
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
3391⚘ *पूर्णिका* ⚘
3391⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
Neeraj Agarwal
यह ज़िंदगी
यह ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
@@ पंजाब मेरा @@
@@ पंजाब मेरा @@
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दिवाली
दिवाली
नूरफातिमा खातून नूरी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...