Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2023 · 1 min read

अवसर

अवसर हमें भी जो मिल जाता हैं।
मन भाव हम भी कुछ रखतें हैं।

माना हमने पुराने गीत शायरी भाव रखती हैं।
शब्दों में व्यक्त हम भी एक सच कहते हैं।

हमारे शब्दों के भाव भी आप समझते हैं।
कुछ अवसर वाह वाह के हमको देते हैं।

अवसर और सहयोग से हम नाम पाते हैं।
आज हम भी मन भाव से निवेदन करते हैं।

सच हकीकत और मानवता की समानता हैं।
बस आज शब्द के भाव को समझते हैं।

अवसर ही तो हम सभी की एक राह होती है।
हम सबको शोहरत और इनाम मिलना होता हैं।

बस हमें भी एक वाह वाह के अवसर की चाहत होती हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
298 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आंदोलन की जरूरत क्यों है
आंदोलन की जरूरत क्यों है
नेताम आर सी
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
We meet some people at a stage of life when we're lost or in
We meet some people at a stage of life when we're lost or in
पूर्वार्थ
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
Sunil Suman
श्रीराम किसको चाहिए..?
श्रीराम किसको चाहिए..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
जमाने को मौका चाहिये ✨️ दोगे तो कतरे जाओगे
©️ दामिनी नारायण सिंह
नादान था मेरा बचपना
नादान था मेरा बचपना
राहुल रायकवार जज़्बाती
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
gurudeenverma198
गुरू वाणी को ध्यान से ,
गुरू वाणी को ध्यान से ,
sushil sarna
मेरा आसमां 🥰
मेरा आसमां 🥰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
Manju sagar
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU SHARMA
किताबों में सूखते से गुलाब
किताबों में सूखते से गुलाब
Surinder blackpen
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
Neeraj kumar Soni
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हे सूरज देवा
हे सूरज देवा
Pratibha Pandey
बुंदेली मुकरियां
बुंदेली मुकरियां
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हम अरण्यरोदण बेवसी के जालों में उलझते रह गए ! हमें लगता है क
हम अरण्यरोदण बेवसी के जालों में उलझते रह गए ! हमें लगता है क
DrLakshman Jha Parimal
..
..
*प्रणय*
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
Dr Archana Gupta
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...