Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2021 · 1 min read

*अवशेष-!

कुछ तो रहने दो
बन्धु धरा पर
कुछ अवशेष संजोए रखना
आने वाली कल
नव पीढ़ी पूंछेगी
सुत्ती वाले दीप जलाये रखना
कुछ अवशेष संजोए रखना
एक आध ताखे रहने दो
घर की इन प्राचीरों में
आने वाली कल
नव पीढ़ी पूंछेगी
घर के चौरस पर रखना
एक कूप जल स्त्रोत
घुर्णन वाला गर्रा रखना
और सुराही डोर
रखना एक आध नव वृक्षों की पौध
आने वाली कल
नव पीढ़ी पूंछेगी
रखना छकड़ों की जोड़ी
नागर पलटा और साथ
रखना पूर्वज की
पैतृक संपत्ति बचाकर
आने वाली कल नव पीढ़ी पूंछेगी
कुछ तो रहने दो बन्धु धरा पर
कुछ अवशेष संजोए रखना
आने वाली कल नव पीढ़ी पूंछेगी

(शरद कुमार पाठक)
डिस्टिक ( हरदोई)
उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 360 Views

You may also like these posts

चाहत
चाहत
Bodhisatva kastooriya
ठीक नहीं
ठीक नहीं
विक्रम कुमार
एक शेर ,,,,
एक शेर ,,,,
Neelofar Khan
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
वीर बालिका
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
Ajit Kumar "Karn"
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
आंदोलन की जरूरत क्यों है
आंदोलन की जरूरत क्यों है
नेताम आर सी
रात अंजान है
रात अंजान है
Dr. Rajeev Jain
लोग   हमको   बुरा   समझते    हैं,
लोग हमको बुरा समझते हैं,
Dr fauzia Naseem shad
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
Dr Archana Gupta
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
bharat gehlot
जल प्रदूषण दुख की है खबर
जल प्रदूषण दुख की है खबर
Buddha Prakash
गज़ल
गज़ल
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
पेंशन पर कविता
पेंशन पर कविता
गुमनाम 'बाबा'
सिलसिला शायरी से
सिलसिला शायरी से
हिमांशु Kulshrestha
कविता
कविता
Nmita Sharma
पुष्प और तितलियाँ
पुष्प और तितलियाँ
Ritu Asooja
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
यादों के संसार की,
यादों के संसार की,
sushil sarna
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
मैं आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं
Neeraj Agarwal
बदबू से रोवेला गेंदा-गुलाब
बदबू से रोवेला गेंदा-गुलाब
आकाश महेशपुरी
उॅंगली मेरी ओर उठी
उॅंगली मेरी ओर उठी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
2568.पूर्णिका
2568.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वेलेंटाइन डे स्पेशल
वेलेंटाइन डे स्पेशल
Akash RC Sharma
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
Vijay kumar Pandey
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...