*अवशेष-!
कुछ तो रहने दो
बन्धु धरा पर
कुछ अवशेष संजोए रखना
आने वाली कल
नव पीढ़ी पूंछेगी
सुत्ती वाले दीप जलाये रखना
कुछ अवशेष संजोए रखना
एक आध ताखे रहने दो
घर की इन प्राचीरों में
आने वाली कल
नव पीढ़ी पूंछेगी
घर के चौरस पर रखना
एक कूप जल स्त्रोत
घुर्णन वाला गर्रा रखना
और सुराही डोर
रखना एक आध नव वृक्षों की पौध
आने वाली कल
नव पीढ़ी पूंछेगी
रखना छकड़ों की जोड़ी
नागर पलटा और साथ
रखना पूर्वज की
पैतृक संपत्ति बचाकर
आने वाली कल नव पीढ़ी पूंछेगी
कुछ तो रहने दो बन्धु धरा पर
कुछ अवशेष संजोए रखना
आने वाली कल नव पीढ़ी पूंछेगी
(शरद कुमार पाठक)
डिस्टिक ( हरदोई)
उत्तर प्रदेश