Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

अवध में राम

तिथि भी खास है दिन भी खास है,
मन में है जगी नव उल्लास है।

अवध में ढोल नगाड़े की झंकार है,
कमलनयन मेरे राघव का अवतार है।

आठ दिन बीते अंबे के सत्कार में,
वह घड़ी आ गई अवध के दरबार में।

आज शरयू किनारे भी हलचल मची,
द्वारे – द्वारे कलश अरु हैं चौक पुरी।

सूर्य भी थम गया प्रभु के दर्शन के हित,
नभ में विराज रहे देव भी अगनित।

हो रही नभ से पुष्पों की बरसात है,
कमलनयन मेरे राघव का अवतार है।

अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “

Language: Hindi
1 Like · 35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
Paras Nath Jha
ONR WAY LOVE
ONR WAY LOVE
Sneha Deepti Singh
Dr. Arun Kumar shastri
Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
SPK Sachin Lodhi
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
The_dk_poetry
#क़तआ_मुक्तक
#क़तआ_मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
(वक्त)
(वक्त)
Sangeeta Beniwal
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
Ravi Betulwala
" मैं सिंह की दहाड़ हूँ। "
Saransh Singh 'Priyam'
किसी का यकीन
किसी का यकीन
Dr fauzia Naseem shad
धूल-मिट्टी
धूल-मिट्टी
Lovi Mishra
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
यह कैसा पागलपन?
यह कैसा पागलपन?
Dr. Kishan tandon kranti
उदास हो गयी धूप ......
उदास हो गयी धूप ......
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
Rituraj shivem verma
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
"दिलों को आजमाता है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
Shweta Soni
*कितनी बार कैलेंडर बदले, साल नए आए हैं (हिंदी गजल)*
*कितनी बार कैलेंडर बदले, साल नए आए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
करवाचौथ
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
Loading...