अवध में राम
तिथि भी खास है दिन भी खास है,
मन में है जगी नव उल्लास है।
अवध में ढोल नगाड़े की झंकार है,
कमलनयन मेरे राघव का अवतार है।
आठ दिन बीते अंबे के सत्कार में,
वह घड़ी आ गई अवध के दरबार में।
आज शरयू किनारे भी हलचल मची,
द्वारे – द्वारे कलश अरु हैं चौक पुरी।
सूर्य भी थम गया प्रभु के दर्शन के हित,
नभ में विराज रहे देव भी अगनित।
हो रही नभ से पुष्पों की बरसात है,
कमलनयन मेरे राघव का अवतार है।
अनामिका तिवारी “अन्नपूर्णा “