*अवध में प्रभु राम पधारें है*
अवध में प्रभु राम पधारें है
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अवध में प्रभु राम पधारे हैँ।
गजब के दिख रहें नजारें हैँ।
राम दरबार की झाँकी सजेगी,
श्री राम महिमा की धूम मचेंगी,
खुशियों की आई बहारें हैँ।
अवध में प्रभु राम पधारें हैँ।
अवधपुरी जा कर दर्शन करेंगे,
सरयू के तट हम डुबकी भरेंगे,
हर्षित हर तन मन हमारे हैँ।
अवध में प्रभु राम पधारें हैँ।
राम मंदिर स्वप्न साकार हुआ,
बरसों का खत्म इंतजार हुआ,
राम लला तो स्वरूप न्यारें हैँ।
अवध में प्रभु राम पधारें हैँ।
दीन दुखियों के प्रभु पाप हरेंगे,
सोये हुए थे जो भाग जगेंगे,
जुबां से सिया राम पुकारें हैँ।
अवध में प्रभु राम पधारे हैँ।
मनसीरत मन हर्षों से खिला है,
राम रूप जन गण को मिला है,
गूँजते जय श्री राम के नारें हैँ।
अवध में प्रभु राम पधारें हैँ।
अवध में प्रभु राम पधारें हैँ।
गजब के दिख रहें नजारें हैँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)