अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति लाना है स्वयं आप वर्तमान में आ जाओगे और आंनदमय में आ जायेंगे।
– रविकेश झा
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति लाना है स्वयं आप वर्तमान में आ जाओगे और आंनदमय में आ जायेंगे।
– रविकेश झा