Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 1 min read

अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति

अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति लाना है स्वयं आप वर्तमान में आ जाओगे और आंनदमय में आ जायेंगे।
– रविकेश झा

46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चुनाव: छह दोहे*
*चुनाव: छह दोहे*
Ravi Prakash
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
Dr fauzia Naseem shad
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
Poonam Matia
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
आंखें हमारी और दीदार आपका
आंखें हमारी और दीदार आपका
Surinder blackpen
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"महान लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
.
.
*प्रणय*
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
विश्व कप-2023 फाइनल
विश्व कप-2023 फाइनल
गुमनाम 'बाबा'
दिन और हफ़्तों में
दिन और हफ़्तों में
Chitra Bisht
अब हर राज़ से पर्दा उठाया जाएगा।
अब हर राज़ से पर्दा उठाया जाएगा।
Praveen Bhardwaj
कुंडलिया
कुंडलिया
आर.एस. 'प्रीतम'
रात नशीली कासनी, बहका-बहका चाँद।
रात नशीली कासनी, बहका-बहका चाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
4604.*पूर्णिका*
4604.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
पूर्वार्थ
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
" हैं पलाश इठलाये "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
जो आपका गुस्सा सहन करके भी आपका ही साथ दें,
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan Alok Malu
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
gurudeenverma198
Loading...