योगी?
भगवा वस्त्र है,
भाला शस्त्र है,
कान में कुंडल,
हाथ में कमंडल,
एक हाथ भाला,
दूजे हाथ माला,
शिव का भक्त है,
सनातनी रक्त है,
देवभूमि से जो आया,
गोरख पीठ का महंत है।
अनाथों का नाथ है,
वो संत आदित्य नाथ है।
मां भारती का लाल है,
नेता भी कमाल है,
गोरखपुर में अनजान सा,
एक नवजवान सा,
गुंडों के बीच में,
जातियों के कीच में,
देखो कमल खिल गया,
बाबा सबको मिल गया,
तन है हिंदू मन है हिंदू,
वैसे तो है कृपासिंधु,
हिंदू हृदय सम्राट है,
न राज है न पाट है,
देश द्रोहियों का काल है,
बंदा ये कमाल है,
पांच बार से सांसद,
गोरखपुर का संत है।……..to be continued