अल्फ़ाज-ए-ज़िन्दगी
छोटी अल्फ़ाजों का बड़ा हिसाब कर जाते लोग।
यहाँ सजी महफ़िल भी ख़राब कर जाते लोग।
ढूँढने को ख़ता मुझमें यहाँ आए हैं कई,,
ग़र ढूंढूं ख़ता जो मै बेनक़ाब हो जाते लोग।।
@शिल्पी सिंह
छोटी अल्फ़ाजों का बड़ा हिसाब कर जाते लोग।
यहाँ सजी महफ़िल भी ख़राब कर जाते लोग।
ढूँढने को ख़ता मुझमें यहाँ आए हैं कई,,
ग़र ढूंढूं ख़ता जो मै बेनक़ाब हो जाते लोग।।
@शिल्पी सिंह