Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2017 · 1 min read

अल्फाजो से,आश्नाओ से

अक्सर अग्यार रहे हम अल्फाजो से
वो अजीज अदीब हुआ मेरे सवालो से

अफसुर्दा-ए-अफसोस रहा मुझको यूँ
अंजुमन भी हमारा अदम रहे उनके जवाबो से

अक्ल-ए-अंदाजा लगा रहे थे अंजाम का
हाथ मलते रह गये जब निकले उनके ख्वाबो से

अश्किया दिल था या हालात थे आईना देख
आईने मे मै,अश्किया,अगलात-ऐ-असीर खुद हम रहे अरमानो से

अल-अलीम-ओ-अदा क्या अजब रहा उनका
अबद अब्तर हुए हम उनके आसियानो से

कैसे फिर मोड़ दूँ उन पलो को
जो संजोकर रखे थे मैंने जमानो से

खूब लिखते हो “राव” पर गजल अधूरी रह गयी दिल के दरारों से
चाहे सजा ले अब अरमानो से,ख्वाबो से,अल्फाजो से,या आश्नाओ से ….. ….. ……

शक्ति..
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

अजीज- प्रिय
अदीब-विद्वान,जानकार
अफसुर्दा-ए-अफसोस- उदासी के साथ पछतावा
अंजुमन-परिसर
अदम- अस्तित्वहीन
अश्किया- कठोर
अगलात-ए-असीर- गलतीयो के कैदी
अल-अलीमओ-अदा- बुध्दि की कला लिए हुए हुस्न
अबद-अनन्तकाल
अख्तर- नष्ट
आश्ना-प्रेम,मित्

2 Likes · 381 Views

You may also like these posts

३ बंदर(३ का पहाड़ा)
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
Dr. Vaishali Verma
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
Ravi Prakash
बाबा के गाम मे
बाबा के गाम मे
श्रीहर्ष आचार्य
4803.*पूर्णिका*
4803.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी शौक़-ए-तमन्ना भी पूरी न हो सकी,
मेरी शौक़-ए-तमन्ना भी पूरी न हो सकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम- नाम माहात्म्य
राम- नाम माहात्म्य
Dr. Upasana Pandey
मुस्कुराता सा ख्वाब
मुस्कुराता सा ख्वाब
Akash RC Sharma
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
Anis Shah
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
चांद
चांद
Shekhar Chandra Mitra
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
कवि रमेशराज
ज़रा सा इश्क
ज़रा सा इश्क
हिमांशु Kulshrestha
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
Kanchan Khanna
राम
राम
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
Sandeep Kumar
आवड़ थूं ही अंबिका, बायण थूं हिगलाज।
आवड़ थूं ही अंबिका, बायण थूं हिगलाज।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
दंश
दंश
Sudhir srivastava
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
Dr Archana Gupta
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
*साधारण दण्डक* (208) नवीन प्रस्तारित
*साधारण दण्डक* (208) नवीन प्रस्तारित
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आम जन को 80 दिनों का
आम जन को 80 दिनों का "प्रतिबंध-काल" मुबारक हो।
*प्रणय*
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
" हिन्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
आकाश महेशपुरी
आखिर क्यों मर्द बेचारे नहीं होते?
आखिर क्यों मर्द बेचारे नहीं होते?
Rekha khichi
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
Loading...