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9 Aug 2024 · 1 min read

अल्फाजों मे रूह मेरी,

अल्फाजों मे रूह मेरी,
कविता में है जीवन मेरा
मेरी दुनियाँ है मेरे गीत,
हर गज़ल में है साँस मेरी
अनंत प्रेम के भाव झलकते
दुख सुख के भाव मचलते
जो, लिखने बैठूं तो..
लिख नहीं पाता,
जब तक
दिल के ज़ख्म न रिसते

हिमांशु Kulshrestha

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