अलविदा!
मुझे प्यार ना होता तो इस कदर भला मैं क्यूँ रोता।
छुपा कर सारे दुख , दर्द , जज्बातों को..आहें क्यूँ भरता।
प्यार की तड़प में हर दर्द की दवा तू…नादाँ नहीं समझती।
बाहों में मिटने की ख्वाहिश रख ,भला मै कैसे जी सकता।
मुझे प्यार ना होता तो इस कदर भला मैं क्यूँ रोता।
छुपा कर सारे दुख , दर्द , जज्बातों को..आहें क्यूँ भरता।
प्यार की तड़प में हर दर्द की दवा तू…नादाँ नहीं समझती।
बाहों में मिटने की ख्वाहिश रख ,भला मै कैसे जी सकता।