अलविदा 2020
अलविदा 2020!
तुम से बड़ा कोई विश्वगुरु नहीं।तुमने हमें विश्व का सारा विज्ञान पढ़ा दिया।रिश्तों का विज्ञान,अर्थ का विज्ञान,व्यवस्था का विज्ञान,वेतन का विज्ञान,डी ए का विज्ञान,आजीविका का विज्ञान,प्रवास का विज्ञान,स्वास्थ्य का विज्ञान,इतिहास का विज्ञान,भूगोल का विज्ञान,राजनीति का विज्ञान,गणित का विज्ञान,कुशल नेतृत्त्व का विज्ञान,समाजसेवा का विज्ञान,समाज से दूरी का विज्ञान,कोरोना वारियर्स का विज्ञान,अस्पताल का विज्ञान,लाशों का विज्ञान,किडनी व्यापार का विज्ञान,ऑटो भाड़े का विज्ञान,बस भाड़े का विज्ञान,किराना एवं सब्जियों का विज्ञान,टीस एवं कसक का विज्ञान,तड़प का विज्ञान,लाचारी एवं आत्महत्या का विज्ञान,आँसू का विज्ञान,मुस्कान का विज्ञान,संवेदना का विज्ञान,जीवन का विज्ञान,मृत्यु का विज्ञान,विज्ञान का विज्ञान,सब ज्ञान का विज्ञान।
हे 2020! तुमसे बड़ा कोई वैज्ञानिक नहीं,कोई अर्थशास्त्री नही,कोई समाजसेवक नही,कोई पारस पत्थर नहीं,तुमने सबको संवेदनहीन होना सिखाया।
तुम विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहोगे क्योंकि तुम्हारे प्रभाव से एक ओर बहुत बड़ी जनसंख्या काल कवलित हो गयी और एक बहुत बड़ी जनसंख्या के शरीर से संवेदना रूपी आत्मा निकल गयी।लोगों के सपने और अपने दोनों छीन लिए तुमने।
हे 2020!तुम अब हमें सुरक्षित रहने का आशीर्वाद देते हुए दिवंगत हो जाओ।आने वाले वर्ष से दूर रहना।अब धीरे धीरे,धीरे धीरे,साँस ऊपर लेते हुए,साँस धीरे धीरे छोड़ते हुए,अनुलोम-विलोम करते हुए गुजर लो।तुम सदैव गुरुरूप में याद किये जाओगे।
शत शत नमन विश्वगुरु!
–अनिल कुमार मिश्र