अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरोग केवल इंसानों के शौक़ में शामिल है। वो भी बड़ी शान से। थोथी अकड़ के साथ।।
🙅प्रणय प्रभात🙅
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरोग केवल इंसानों के शौक़ में शामिल है। वो भी बड़ी शान से। थोथी अकड़ के साथ।।
🙅प्रणय प्रभात🙅