कायनात लिख लिए हैं
कोई किसी को किसी की कायनात लिख लिए हैं
मोन ने भी मौन के शब्द भी पढ़ लिए है
साहेब खयालों से कह दो जरा ख्वाबों में
आकर श्रृंगार करना कर दे बंद
सांसो ने सांसो की सरगम पहिचानी है
साहेब कदमों को रोक लेंं जरा
क्योंकि यहां हर किसी की अलग कहानी है
हम इकाई और आप दहाई
इस दुनिया के दस्तूर अलग कहीं हो न जाए रुसवाई
रचनाकार मंगला केवट होशंगाबाद मध्य प्रदेश