‘अलगाव’
अलगाव एक सफ़र है जीवन में हर किसी को इससे गुज़रना होता है।अलगाव गतिशीलता बनाये रखता है। जड़ होने से रोकता है।
परोपकार करने वाले वो ही होते हैं जो अलग हो जाते हैं। नदी पहाड़ छोड़कर बहती हैं । फूल फल पौधे से अलग हो जाते हैं श्रीराम राज्य से अलग हुए दैत्यों का नाश किया। भगवान बुद्ध ने घर त्याग दिया दुनिया का दुख दूर करने के लिए।
किसी नेक काम के लिए अलगाव बुरा नहीं है। केवल अपने स्वार्थ के लिए अलगाव रखना कर्तव्य से भागना है।