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7 Jul 2020 · 1 min read

प्रेमार्पण।

क्या कहूं कि आपकी मुस्कान एक,
संपूर्ण सुंदरता का दर्पण है,

प्रेम रस से सजी हर कविता मेरी,
बस आपको ही अर्पण है,

स्वार्थ से मुक्त हर शब्द मेरा,
आपको सादर समर्पण है।

ना जन्मों के साथ की बातें,
ना बड़े-बड़े कोई वादे,

शब्दों के उस सुंदर सबंध की,
मेरे दिल में है सुंदर यादें,

अच्छे-बुरे से परे था जो,
उस संबंध से जुड़ा मेरा कण-कण है।

फिर मिलेंगे कभी हम शब्दों में कहीं,
आस मुझे ये हर क्षण है ।

कवि-अंबर श्रीवास्तव।

Language: Hindi
5 Likes · 6 Comments · 637 Views
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