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31 Jul 2024 · 1 min read

अर्थ मिलते ही

अर्थ मिलते ही , शब्द खो जाते है ,

इसी लिए योगी ,खामोश हो जाते हैं ….

रात की धड़कन ,सुन तारे सो जाते है ,

परिन्दे हवाओं के, हवाले हो जाते हैं ….

जाने क्यूँ लोग , कहीं खो जाते हैं,

आँखे झरने मन ,समंदर हो जाते हैं…

ये मौसम भी हमेशा ,मायने नहीं रखता ,

बीज पीपल के , विराट हो जाते हैं ….

नींद विचारों में ,टहलेगी कब तलक ,

थक जायेगी चलो ,अब सो जाते हैं …

क्षमा उर्मिला

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