अर्थशास्त्र
भारतीय रूपये और
नैतिकता की
ये महानता है,
दोनों के गिरने की
दर में समानता है .
नैतिकता
स्वार्थ, भ्रष्टाचार और
बलात्कार के चक्रवियूह में
अभिमन्यु हो रही है,
रूपये की कीमत
डॉलर के दबाव में
शून्य हो रही है .
देह के अर्थशास्त्र में
उत्पाद खरीदकर
पोषित करते हो तुम,
उस किशोरी की आकांक्षा को
जो जांघों के भूगोल में है गुम .
कम होते कपड़े
मापदण्ड हैं जिसकी स्वतंत्रता के,
सोच ये खिलाफ है धवल
नारी अस्मिता के.
प्रदीप तिवारी ‘धवल’