Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

अर्जुन

अर्जुन
अभिमन्यु के रक्त से रंजित
शव को
अग्नि दाह देते हुए
झुके कन्धों से ले रहा है साँस
क्रोध
लज्जा
पश्चाताप
तीव्र हो उठी इन भावनाओँ का
बोझ
वह नहीं उठा सकता
धंस जाना चाहता है वो
बहना चाहता है वो आंसुओं में
छाती पर बढ़ते बोझ से आतंकित
प्राणहीन अर्जुन
गांडीव तो उठा ले
परन्तु कैसे उठाए इन
भावनाओं को
पर कृष्ण हैं कि
रुकना जानते नहीं
यह सभ्यता है
मनुष्य की खोज की कहानी
जो साथ चले इसमें
बस वही रहे
शेष सब मिट्टी है
युद्ध रत तो अर्जुन को होना होगा
बिना विश्राम के
शांति
जो सहज सुगम है
वह तो उसके
राज्याधिकार में है ही नहीं !

शशि महाजन-लेखिका

31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Ram Krishan Rastogi
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
पंकज परिंदा
रोज़ मायूसी से हर शाम घर जाने वाले...
रोज़ मायूसी से हर शाम घर जाने वाले...
Shweta Soni
मुखौटे
मुखौटे
Shaily
स्त्री
स्त्री
Ajay Mishra
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
sushil sarna
FB68 còn nổi bật với hệ thống livestream các sự kiện thể tha
FB68 còn nổi bật với hệ thống livestream các sự kiện thể tha
Fb68
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
Swami Ganganiya
हिंदी दोहे - हर्ष
हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अगर आपको सरकार के कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं तो हमसे सम्पर्
अगर आपको सरकार के कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं तो हमसे सम्पर्
Anand Kumar
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
Rj Anand Prajapati
प्यार का गीत
प्यार का गीत
Neelam Sharma
सूत जी, पुराणों के व्याख्यान कर्ता ।।
सूत जी, पुराणों के व्याख्यान कर्ता ।।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मनोकामना
मनोकामना
Mukesh Kumar Sonkar
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हमारा विद्यालय
हमारा विद्यालय
आर.एस. 'प्रीतम'
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
Sandeep Pande
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
Sonam Puneet Dubey
"आज और अब"
Dr. Kishan tandon kranti
यदि मुझे काजल लगाना पड़े तुम्हारे लिए, बालों और चेहरे पर लगा
यदि मुझे काजल लगाना पड़े तुम्हारे लिए, बालों और चेहरे पर लगा
पूर्वार्थ
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
*अध्यात्म ज्योति* : वर्ष 53 अंक 1, जनवरी-जून 2020
*अध्यात्म ज्योति* : वर्ष 53 अंक 1, जनवरी-जून 2020
Ravi Prakash
गम भुलाने के और भी तरीके रखे हैं मैंने जहन में,
गम भुलाने के और भी तरीके रखे हैं मैंने जहन में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु!
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु!
Rituraj shivem verma
4656.*पूर्णिका*
4656.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सरस्वती वंदना-6
सरस्वती वंदना-6
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...