अर्जी लगता हूँ जब भी “तेरे दर” , मेरी अर्जी को “मुकाम” मिलता है।
अर्जी लगता हूँ जब भी “तेरे दर” ,
मेरी अर्जी को “मुकाम” मिलता है
मिलता है मीरा को कृष्ण यंहा से,
राधा को यंही से श्याम मिलता है
किसको “क्या” मिला यंहा से भोले,
यह तो तेरी महिमा तू ही जाने भोले
मैंने जब भी पुकारा लहजे में अपने,
मेरे दर्द को “भोले” आराम मिलता है
अर्जी लगता हूँ जब भी “तेरे दर” ,
मेरी अर्जी को “मुकाम” मिलता है
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