‘अर्चना’पर ही क्यों निशाना है
जब यहाँ खुद कमा के खाना है
किसलिये फिर ये सर झुकाना है
जो कियाअपनी ही खुशी के लिये
उसका अहसान क्यों जताना है
हाँ मुझे प्यारी है अना मेरी
इस पे आहत क्यों ये ज़माना है
अपनी इस ज़िन्दगी से तो यारो
हमको हर हाल में निभाना है
गलतियां तो सभी से होती हैं
‘अर्चना’ पर ही क्यों निशाना है
22-02-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद