अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
होंगे चमत्कार तो होंगी ग़लतियाॅं भी!
कितनी कशमकश में चल रही ज़िंदगी,
सिवाय ये मेरे कोई समझ सकता नहीं!
….अजित कर्ण ✍️
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
होंगे चमत्कार तो होंगी ग़लतियाॅं भी!
कितनी कशमकश में चल रही ज़िंदगी,
सिवाय ये मेरे कोई समझ सकता नहीं!
….अजित कर्ण ✍️