अरे आईने हमसे नफ़रत कर
अरे आईने हमसे नफ़रत कर
मगर दिल से कर
अपना तो रोज देखते है चेहरा
अब अपना दिखा चल ।।
मधुप बैरागी
इतनी ख़ामोशी और दिल में हलचल है
ख़ामोश दिल है और मन बड़ा चंचल है
वेग,उद्वेग,आवेग,आवेश मन परवश है
पर होते परवाज़ दिल न वश हलचल है।
? मधुप बैरागी