Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2023 · 2 min read

अरुण छंद ( हाड़ारानी)

अरुण छंद 20मात्राएँ
5/5/10पर यति
अंत में लघु गुरू
***************
हाड़ारानी
नर लडें जंग की खेलकर पारियाँ,
तो नहीं,कम रहीं, देश की नारियाँ।
फूल सी देह को आग में राख की।
प्राण दे, आन रख, वीर कुल शाख की ।

हर तरह,से रखी, वंश मरयाद है
वो सभी, को अभी,याद है याद है
जो लिखा, देश के,खास इतिहास में।
शीश ही,दे दिया काट मधु मास में।

युद्ध में, मन लगे, जो निशानी बने ।
तब सफल,प्रेम की, ये कहानी बने ।
कर्म से, धर्म से, देश भक्ति जुड़ी।
प्रेम के पंथ से,विघ्न लख ना मुड़ी।

ना गिरी,डाल कट , चाह के झाड़ की।
है कथा आस्था पूर्ण मेवाड़ की।
वीर पति, की प्रिया, थी उमंगें लिये ।
पल खुशी,के नहीं, साथ दो भी जिये।

बस तभी? युद्ध का,था सँदेशा मिला ।
तज मिलन, सेज वो, कर सका ना गिला ।
चल पडा, जंग को, युद्ध में हित दिखा ।
पत्र घर एक खुद, प्राणप्रिय को लिखा ।

याद में, खो रहा, मन तुम्हारे लिए।
हो सके, भेज दो, कुछ हमारे लिए।
भूलकर, मैं तुम्हें, जंग में लड़ सकूँ।
हो फिकर, कुछ नहीं, शत्रु पर चढ़ सकूँ।

पत्र को, बाँचकर, मुस्कराई कली ।
युद्ध में भी मुझे,चाहता है अली।
कर कलम शीश निज, एक ही वार से।
थाल में,रख दिया, है बडे प्यार से ।

लो पहिन, ये सजन, खास मुँडमाल को ।
वैरियों से बने काट दो जाल को।
देश हित, तुम लडो,धन्य तन हो गया।
मानलो ,बिन मिले, ही मिलन हो गया।

वीरता से भरी, देश की नारियाँ।
त्याग तप,ले जलीं ,ओज चिनगारियाँ ।
कोटिशः,है नमन, खास इतिहास को।
कर गईं, हैं सबल,वीर विश्वास को।

दुष्ट से दुष्ट भी,सामने आ डरा।
शौर्य से ,है भरी, राजपूती धरा।
प्राण से, भी बड़ा, देश को मानले ।
वो धरा, काल से , भी खडग तान ले ।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
3/7/23

Language: Hindi
2 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
Kuldeep mishra (KD)
गीत गाता है बचपन,
गीत गाता है बचपन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
हिन्दी का मैं इश्कजादा
हिन्दी का मैं इश्कजादा
प्रेमदास वसु सुरेखा
सीख
सीख
Adha Deshwal
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
****गणेश पधारे****
****गणेश पधारे****
Kavita Chouhan
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
"रक्षाबंधन"
Shashi kala vyas
मानव जीवन
मानव जीवन
*प्रणय*
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
shabina. Naaz
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हम प्यार तुमसे कर सकते नहीं
हम प्यार तुमसे कर सकते नहीं
gurudeenverma198
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
शिव प्रताप लोधी
My Precious Gems
My Precious Gems
Natasha Stephen
धैर्य बनाये रखे शुरुआत में हर कार्य कठिन होता हैं पीरी धीरे-
धैर्य बनाये रखे शुरुआत में हर कार्य कठिन होता हैं पीरी धीरे-
Raju Gajbhiye
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
गले लगा लेना
गले लगा लेना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
4714.*पूर्णिका*
4714.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
The truth is:
The truth is:
पूर्वार्थ
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आभास (वर्ण पिरामिड )
आभास (वर्ण पिरामिड )
sushil sarna
Loading...