अरसे बाद
ये टूटा सा मन
ख्यालों से डरता था,
तेरे ख्वाबों में खोकर
अरसे बाद एक मुस्कान आई।
ये सहमी सी रूह
राबते से डरती थी,
तेरी बातों में खोकर
अरसे बाद एक बरसात आई।
ये स्थिर सी बेचैनी
नजरों में रहती थी,
तेरे आगोश में आकर
अरसे बाद एक उम्मीद आई।
ये उलझे से एहसास
छिपे से रहते थे,
तेरी सादगी में आकर
अरसे बाद एक लापरवाही आई।
– सिद्धांत शर्मा