“अरमान “
“आज अपने प्यार को एक नाम देते हैं,
अधूरी मोहब्बत को इक अंजाम देते हैं,
ये बदलते मौसम न बदल दें दिल की नीयत,
धड़कते अरमानों को जरा आराम देते हैं,
ख्वाहिशें बँटी कश्मकश में अक्सर,
कुछ तुझे पाने को राज़ी कुछ दिल को समझाने को राज़ी,
तुझे हर लम्हे में ढूंढती आंखें तेरा दीदार चाहती,
तेरे लबों पर इश्क का इज़हार चाहतीं,
प्यासी धरा सी थोड़ी बरसात चाहती,
वजह उम्मीद की मिले वो इंतज़ार चाहती,
रुह मेरी तेरे आगोश -ए मोहब्बत में सिमटे,
ढलते दिन को ऐसी शाम देते हैं,
आरज़ू इश्क में वफ़ा की कबूल की रब ने,
तेरे सजदे में झुक कर सलाम देते हैं “