Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2018 · 1 min read

“अरमान “

“आज अपने प्यार को एक नाम देते हैं,
अधूरी मोहब्बत को इक अंजाम देते हैं,
ये बदलते मौसम न बदल दें दिल की नीयत,
धड़कते अरमानों को जरा आराम देते हैं,
ख्वाहिशें बँटी कश्मकश में अक्सर,
कुछ तुझे पाने को राज़ी कुछ दिल को समझाने को राज़ी,
तुझे हर लम्हे में ढूंढती आंखें तेरा दीदार चाहती,
तेरे लबों पर इश्क का इज़हार चाहतीं,
प्यासी धरा सी थोड़ी बरसात चाहती,
वजह उम्मीद की मिले वो इंतज़ार चाहती,
रुह मेरी तेरे आगोश -ए मोहब्बत में सिमटे,
ढलते दिन को ऐसी शाम देते हैं,
आरज़ू इश्क में वफ़ा की कबूल की रब ने,
तेरे सजदे में झुक कर सलाम देते हैं “

Language: Hindi
1 Like · 456 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* कुछ लोग *
* कुछ लोग *
surenderpal vaidya
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
DrLakshman Jha Parimal
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
*नवाब रजा अली खॉं ने श्रीमद्भागवत पुराण की पांडुलिपि से रामप
Ravi Prakash
अंजानी सी गलियां
अंजानी सी गलियां
नेताम आर सी
नया दिन
नया दिन
Vandna Thakur
अकेला खुदको पाता हूँ.
अकेला खुदको पाता हूँ.
Naushaba Suriya
*** चल अकेला.....!!! ***
*** चल अकेला.....!!! ***
VEDANTA PATEL
अधूरी तमन्ना (कविता)
अधूरी तमन्ना (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
रोशनी का पेड़
रोशनी का पेड़
Kshma Urmila
ज़िंदगी से शिकायतें बंद कर दो
ज़िंदगी से शिकायतें बंद कर दो
Sonam Puneet Dubey
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
मोहल्ला की चीनी
मोहल्ला की चीनी
Suryakant Dwivedi
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
शेखर सिंह
3089.*पूर्णिका*
3089.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अब शायद और मज़बूत होगा लोकतंत्र व संविधान। जब सदन की शोभा बढ
*प्रणय प्रभात*
rain down abundantly.
rain down abundantly.
Monika Arora
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
कवि रमेशराज
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
तुम से ज़ुदा हुए
तुम से ज़ुदा हुए
हिमांशु Kulshrestha
ना जाने कब किस मोड़ पे क्या होगा,
ना जाने कब किस मोड़ पे क्या होगा,
Ajit Kumar "Karn"
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
عزت پر یوں آن پڑی تھی
عزت پر یوں آن پڑی تھی
अरशद रसूल बदायूंनी
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...