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23 Jan 2024 · 1 min read

*अयोध्या के कण-कण में राम*

अयोध्या के कण-कण में राम।
सच मानों तो अयोध्या के
जन-जन में राम।
भावना यदि सच्ची हो तो
हृदय में ही बसे हैं श्रीराम।
अयोध्या के कण-कण में बसे हैं राम।
हनुमान जी के प्रिय हैं श्रीराम।
शबरी, सुग्रीव सभी को गले लगाते राम।
माता जानकी की रक्षा के लिए ,
ले लिए रावण के प्राण।
समुद्र पर सेतु बना लंका जीत
अयोध्या लौटे श्रीराम।
वर्षों का सपना पूरा हुआ
भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित होंगे श्रीराम।
संग सिया और लक्ष्मण होंगे ,साथ में
सेवक हनुमान।
बोलो जय श्रीराम, जय श्रीराम।

वंदना ठाकुर

तलवाड़ा (होशियारपुर)
पंजाब

Language: English
Tag: Poem
1 Like · 139 Views
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