“अयोध्या की पावन नगरी”
अयोध्या की पावन नगरी,
अब त्रेता का सतयुग लगे,
विश्वास जगा है जन मानस में,
अहो भाग्य! अब राम मिले।
कमलनयन के मूक दर्शन को,
मन आतुर ज्यो उपवासी,
रघुनंदन कर कमलों से जिनके,
कृतार्थ हो रहे भारतवासी।
कौशल राज्य में बजे बधाईयां,
इंद्रलोक सा लगे लुभावन,
रामलला अभिषेक की आई,
शुभ मुहूर्त अति मनभावन।
राम नाम ही सबसे पावन,
जिसमें अमरत्व समाई है,
सरयू के तट पर देखो!
धूम राम नाम की छाई।।
राकेश चौरसिया