Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

अम्माँ मेरी संसृति – क्षितिज हमारे बाबूजी

अम्माँ मेरी संसृति – क्षितिज हमारे बाबूजी

काश आज अगर जो अम्माँ होती
होते मेरे बाबूजी
पैरों को उनके फिर गह लेते
अम्माँ जहाँ थी ममता का सागर
बाबूजी संबल का आधार रहे

माँ तो मन की कह लेती थी
चुप रहते थे मेरे बाबूजी
मेरे हर कठिन समय में
पर्वत जैसे खड़े रहे
अपनी व्यथा की कथा कही नहीं – पर
विश्वास से हमको भर देते थे

आधारशिला हमारे तुम थे
यह सत्य किसी अभिव्यक्ति का
मोहताज़ नहीं
हर पल – उनकी है अनुभूति
है उनके होने का एहसास हमें

मुख से होते मूक मगर
अपने स्पर्श से सब कुछ कह देते
मन की स्नेह धारा आंखों से
उनके ही पैरों पर धर देते

काश आज अगर जो अम्माँ होती
होते मेरे बाबूजी
पैरों को उनके फिर गह लेते !!
अम्माँ मेरी संसृति – क्षितिज हमारे बाबूजी !!

Language: Hindi
86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Atul "Krishn"
View all
You may also like:
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
गुमनाम 'बाबा'
मन की बुलंद
मन की बुलंद
Anamika Tiwari 'annpurna '
ज़रूरत नहीं
ज़रूरत नहीं
Dr fauzia Naseem shad
మువ్వగోపాల మురళీధరాయ..
మువ్వగోపాల మురళీధరాయ..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
3618.💐 *पूर्णिका* 💐
3618.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
भगवद्गीता ने बदल दी ज़िंदगी.
Piyush Goel
"यादों की बारात"
Dr. Kishan tandon kranti
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
Lokesh Sharma
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
*आजादी और कर्तव्य*
*आजादी और कर्तव्य*
Dushyant Kumar
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
सीखो मिलकर रहना
सीखो मिलकर रहना
gurudeenverma198
मेरी कविता, मेरे गीत, मेरी गज़ल बन चले आना,
मेरी कविता, मेरे गीत, मेरी गज़ल बन चले आना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
एक पीर उठी थी मन में, फिर भी मैं चीख ना पाया ।
आचार्य वृन्दान्त
खत लिखना
खत लिखना
surenderpal vaidya
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
एक मीठा सा
एक मीठा सा
हिमांशु Kulshrestha
जलती बाती प्रेम की,
जलती बाती प्रेम की,
sushil sarna
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
Loading...