अम्न की चिड़िया
1-
अम्न की चिड़िया जब भी चहकने लगती है
घाटी में क्यूँ आग दहकने लगती है
पूजा की थाली में जब जब रखता हूँ
केसर से बारूद महकने लगती है
2-
अम्न की चिड़िया को हम फिर चहकाएंगे
घाटी में नफरत की आग बुझाएंगे
कश्यप ऋषि की पावन धरती झूमेगी
केसर की क्यारी को फिर महकाएंगे
© शैलेन्द्र ‘असीम’