*अमृत-बेला आई है (देशभक्ति गीत)*
अमृत-बेला आई है (देशभक्ति गीत)
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आजादी की आज सुनहरी, अमृत-बेला आई है
(1)
धरती का कण-कण पेड़ों की, हर पत्ती मुस्काती
नील गगन में निर्भय उड़ती, हर चिड़िया मधु-गाती
अद्भुत छटा तिरंगे की, फहराती देखो छाई है
(2)
याद करें वह वीर जिन्होंने, कष्ट अनगिनत झेले
माटी पर सर्वस्व लुटाते, हुए खेल जो खेले
कभी न भूलें यह स्वतंत्रता, बलिदानों से पाई है
(3)
फौज बनाई नेता जी ने, अंग्रेजों से लड़ने
चले अहिंसक-पथ पर बापू, सत्याग्रह से अड़ने
काले पानी में अर्पित की, अनगिन ने तरुणाई है
(4)
विश्व प्रेम बंधुत्व मनुजता, आदर्शों को गाऍं
वसुधा एक कुटुंब हमारा, परिचय यह बतलाऍं
ईर्ष्या घृणा द्वेष से अपनी, अब तक रही लड़ाई है
आजादी की आज सुनहरी, अमृत बेला आई है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451