अमृतमयी प्रेम
“अमृतमयी प्रेम”
प्रेम इस जीवन का अमृत है
वो सदैव अमृत ही रहता है
ममत्व का साया हो या
आसक्ति की माया हो
विरक्ति की सांझ हो या
भक्ति भाव की छाया हो
इन सभी को स्फूर्ति दे कर
सरिता सा अविरल बहता है
प्रेम इस जीवन का अमृत है
वो सदैव अमृत ही रहता है
~ नितिन जोधपुरी “छीण”