अमीर गरीब
अमीर – गरीब
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गरीबों पर अक्सर लिखते हैं,
बेहद अमीर संजीदा लोग,
मूल रूप से नही जानते हैं,
रंक के गंभीर रोग,
वाहवाही खूब लूटते रहतें हैं,
पर नहीं जाते उनके भोग,
वातानुकूलित वातावरण में बैठ,
करते हैं भावनात्मक ढोंग,
अरे एक दिन बसर कर के देखो,
कैसे जीते मरते हैं गरीब लोग,
बहुत आसान है उन पर कुछ लिखना,
हिम्मत है तो कर के देखो तो प्रयोग,
अमीरी-गरीबी तो जैसे आंखमिचौली,
यह तो मात्र है प्राकृतिक संयोग,
मनसीरत देख तमाशा दुनिया का,
अमीर है रोगी और गरीब है निरोग।
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सुखविंदर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)