Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2020 · 2 min read

अमावस्या और पूर्णिमा

एक खगोलीय घटना
अमावस्या/पूर्णिमा/सूर्य-ग्रहण/चंद्र-ग्रहण
विचारक/दार्शनिक व्यक्तित्व की देन,
धर्म/धार्मिक/अंधभक्त कल भी/ आज भी वंचित/दुखी थे और रहेंगे.
दासता की विचारधारा अपने आसपास का माहौल भी दयनीय रखना.
.
धर्म का व्यवहार से
व्यवहार का व्यवसाय से
सदियों पुराना बर्ताव है.
ताज्जुब की बात
लेने में भौतिक एसेट्स/जैसे पैसा, भूमि, पशु, साधन..गाडी.. मोटर..कार
बदले में अपाहिज़ मनोबल को तनिक सहारा.
.
उदाहरण जैसे किसी गाडी के सेल्फ के काम न करने पर.
उसे धक्का देकर स्टार्टअप देना.
स्टार्टअप के बाद भी कोई धक्के देते देखा है.
शायद ! नहीं ही नहीं ..कभी नहीं.
लेकिन प्राप्त मनोबल …क्षणिक था.
कोई समस्या विपदा आते ही
फिर धक्के की जरूरत.
उसका कभी ध्यान ही जाता है.
वह एसेट्स देखर बदले में क्या लेकर आता है.
और यह सिलसिला चलते रहता है.
.
भौगोलिक घटनाएं और उनकी जानकारी.
फायदे और नुकसान को जानने तक तो ठीक है.
पर धर्म/धार्मिक अनुष्ठान.
चलो कुछ को सुकून मिलता है.
तो किसी का मनोबल.
.
विचारक/दार्शनिक/वैज्ञानिक/मनोविज्ञान
आपको अपने ही द्वारा निर्मित जाल यानि
चक्रव्यूह से निकालने में मद्देनजर सहायक
हो सकते है …लेकिन आलस्य छोडकर
होमवर्क करना होगा.
व्यस्तता छोडकर व्यवस्थित होना पड़ेगा.
.
धार्मिक ग्रथों से दूध और पानी अलग करने की कला
सिखनी पड़ेगी, चीजों और तथ्यों के प्रति खुद जानकारी लेनी होगी.
सार्वजनिक सार्वभौमिक धरोहर की विरासत सबकी घोषित करनी पड़ेगी.
.
फिर आप खुद कह सकते हैं.
अमावस अमावस्या ही रहेगी
पूर्णिमा पूर्णमासी ही रहेगी.
सूर्य-ग्रहण और चंद्र-ग्रहण
ग्रहण नहीं लगा सकते…
ये आनंदित भौगोलिक घटनाएं ही रहेगी.
.
फिर तुम्हें न कोई ठग सकता.
न ही दास वा गुलाम बना सकता.
तुम मुक्त हो …
अब तुम्हें न ही किसी मोक्ष की आवश्यकता.
तुम स्वतंत्र पैदा हुये थे
स्वतंत्र ही स्वाभाविक मृत्यु आयेगी.
.
मनोबल की ताकत को पहचाने.
उसका प्रयोग/उपयोग करो.
फिर ये दुनिया दुनिया नहीं जगत है.
जो एकमात्र सत्य .

वैद्य महेन्द्र सिंह हंस

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 1 Comment · 244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
Rj Anand Prajapati
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
अपनी तस्वीर
अपनी तस्वीर
Dr fauzia Naseem shad
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2707.*पूर्णिका*
2707.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*ये उन दिनो की बात है*
*ये उन दिनो की बात है*
Shashi kala vyas
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ruby kumari
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
समय यात्रा संभावना -एक विचार
समय यात्रा संभावना -एक विचार
Shyam Sundar Subramanian
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
चलो संगीत की महफ़िल सजाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
*Author प्रणय प्रभात*
वक्त
वक्त
Astuti Kumari
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
जिस तरीके से तुम हो बुलंदी पे अपने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
मैंने जिसे लिखा था बड़ा देखभाल के
Shweta Soni
31 जुलाई और दो सितारे (प्रेमचन्द, रफ़ी पर विशेष)
31 जुलाई और दो सितारे (प्रेमचन्द, रफ़ी पर विशेष)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आबाद मुझको तुम आज देखकर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
gurudeenverma198
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
No battles
No battles
Dhriti Mishra
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
"खुशी मत मना"
Dr. Kishan tandon kranti
तिरंगा
तिरंगा
Neeraj Agarwal
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
VINOD CHAUHAN
छैल छबीली
छैल छबीली
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Loading...