Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2021 · 1 min read

अमां खां औकात में रहना समझा रिया हूं

मियां राफेल आ गया है, सामने वाले के कलेजे पर सांप लोट रिया है
अपन ने तो पेलेई समझा दिया है, अमा खां क्यों पंगा ले रिया है
इमरान ओर जिंपिंग दोनों को कह दिया है,
मियां बिला वजह क्यों हरकतें कर रिये हो?
जबरन को क्यों उलझ रिये हो?
अमा खां समझ नई रिये हो?
कहीं बड़े मियां मतलब मोदी जी का दिमाग खराब हो गिया न, मियां छुपने जगह नहीं मिलेगी
फिर कोई सूरमा तुम्हें नहीं बचा पाएगा
नया पुराना सारा हिसाब चुकता हो जाएगा
और वो इमरान से तो कह दिया है, मियां क्रिकेट खेलो तुम्हारे बस की बात नहीं है पाकिस्तान
कितनी बार खा खा कर गए हो? अमा खां शर्म करो पिट-पिट कर आ जाते हो, आदमी हो या पजामे?
क्या भूल गए मिंया, एक लाख फौज तुम्हारी
हाथ ऊपर किए खड़ी थी, मिंया कैंसी पड़ी थी
ओर वो जिंगपिंग क्या नाम हे उसका ?
उसको भी समझा दिया है, जादे चांऊ मांऊ मत किया कर, औकात में रिया कर
पजामें रहना समझा रिया हूं
कसम से बाद में फिर मत कहना
अबकी ऐसी पड़ेगी,
आने वाली 7 पीढ़ियों को सूझ नई पड़ेगी
अरे मिंया जब देखो जब,टर्र टर्र चांऊ माऊं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 369 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर उगता है
Shweta Soni
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
इश्क- इबादत
इश्क- इबादत
Sandeep Pande
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
Sonam Puneet Dubey
चुप
चुप
Ajay Mishra
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
The magic of your eyes, the downpour of your laughter,
The magic of your eyes, the downpour of your laughter,
Shweta Chanda
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
हर चढ़ते सूरज की शाम है,
Lakhan Yadav
"आशा की नदी"
Dr. Kishan tandon kranti
बच्चा बूढ़ा हो गया , यौवन पीछे छोड़ (कुंडलिया )
बच्चा बूढ़ा हो गया , यौवन पीछे छोड़ (कुंडलिया )
Ravi Prakash
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / मुसाफ़िर बैठा
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
वो सुन के इस लिए मुझको जवाब देता नहीं
वो सुन के इस लिए मुझको जवाब देता नहीं
Aadarsh Dubey
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
आर.एस. 'प्रीतम'
अगर आपको अपने कार्यों में विरोध मिल रहा
अगर आपको अपने कार्यों में विरोध मिल रहा
Prof Neelam Sangwan
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
Ranjeet kumar patre
गीता हो या मानस
गीता हो या मानस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
#मायका #
#मायका #
rubichetanshukla 781
आपन गांव
आपन गांव
अनिल "आदर्श"
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Yado par kbhi kaha pahra hota h.
Sakshi Tripathi
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#देसी_ग़ज़ल / #नइयां
#देसी_ग़ज़ल / #नइयां
*Author प्रणय प्रभात*
-- प्यार --
-- प्यार --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
3384⚘ *पूर्णिका* ⚘
3384⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...