अमर्यादा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/6b0eafd220a8aa5a88d10f4941915f0a_9683f68bcd77f6f481eeaef5e2e82467_600.jpg)
एक अशांत महिला कर्मी
उसके बातों में नही थी नरमी
सायद कामों की अधिकता से
थी परेशान,
लोगों की बातों पर
नही दे रही थी ध्यान,
इसपर ग्राहकों को
गुस्सा आया
उल्टी सीधी
बात सुनाया,
इतने में
बैंक में मची अफरा तफरी,
किसी ने
उछाल दी महिला की पगड़ी,
महिला हुई शर्मसार
अपने कर्मों की हुई शिकार ।