*अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)*
अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश (कुंडलिया)
_________________________
अमरीका से डर रहे, दुनिया के सब देश
चाहे जिसमें यह करा, सकता है कटु क्लेश
सकता है कटु क्लेश, विकट गृह युद्ध कराता
अपने पिट्ठू छोड़, अराजकता फैलाता
कहते रवि कविराय, रंग अब सबका फीका
क्षण में पलटे तख्त, कुटिल घातक अमरीका
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451