अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
सृजन शब्द-चलन
अमन चलन कर,
बढ़ सत पथ पर,
नफरत मत भर,
पकड सुभग ढब।
रख शुभ निज मन,
मत कर अनबन,
सुख भर हर जन,
रख कर मन रब।
विकल हृदय तब,
हनन सपन जब,
तन-मन तड़पत,
नयन सजल अब।
भगवन अवतर,
कलयुग फन सर,
सतयुग सम फिर ,
छल बल तज सब।
सीमा शर्मा ‘अंशु’