अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन, कल कहेंगे हमको।
करके इशारा वो अपना, कल कहेंगे हमको।।
अभी तो वो खफ़ा है —————————-।।
बात अपने दिल की वो, रखते हैं अपने दिल में।
भेजकर वो अपना खत, कल कहेंगे हमको।।
अभी तो वो खफ़ा है ————————-।।
उनकी खुशी कम नहीं हो, उनसे दूर हम हैं।
हाथ मिलाकर वो अपना, कल कहेंगे हमको।।
अभी तो वो खफ़ा है —————————।।
खता उनकी भी नहीं है, मजबूरी कुछ उनकी है।
मानकर वो अपना प्यार, कल कहेंगे हमको।।
अभी तो वो खफ़ा है ————————–।।
उनको हमारे नगमें, देखा है सुनते हमने।
ख्वाब अपनी आँखों का, कल कहेंगे हमको।।
अभी तो वो खफ़ा है ————————–।।
हम सा प्यार नहीं मिलेगा,यह खबर उनको भी है।
सच्चा साथी वो अपना, कल कहेंगे हमको।।
अभी तो वो खफ़ा है ————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)