अभी तक तो मेरे सभी ख्वाब है अधूरे ,
अभी तक तो मेरे सभी ख्वाब है अधूरे ,
खुदा जाने कब होंगे या नहीं होंगे पूरे ।
यकीन खुद पर और जुनून भी है मगर ,
मुश्किल बहुत है रास्ते भी कठिनाई भरे ।
अभी तक एक भी अरमान पूरा ना हुआ ,
यह बात बेचैनी बढाती है जहन में मेरे ।
वक़्त अपने रफ्तार से बढ़ता ही जा रहा है ,
कदम से कदम मिला कर चलें किसके सहारे ।
कोई हमनवां, हमराही और हमदर्द भी नहीं ,
खो चुका हूँ अपनी जिंदगी के सभी सहारे ।
जल्द ही जिंदगी की शाम होने जा रही है ,
अब समेट भी ले अपने कुछ अरमान अधूरे ।