Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2017 · 1 min read

अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो

अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो
उसे बंद किताब रहने दो

सवाल है ढेरों किताब में
सवाल अभी राज़ रहने दो

चांद तारों से भरी रात बाकी है
बोतल में बंद शराब रहने दो

मुक्कमल नही हुई गुफ्तगू
बाकी अभी रात रहने दो

टूट गए हो जब सपने सारे
आँखों में वो ख्वाब रहने दो

तिश्र्गी जब तक बूझे नही
आब की तलाश रहने दो

मंजिल दूर ही सही मिलेगी जरूर
हार कर भी शेष अभी प्रयास रहने दो

आज है ज़िन्दगी जी लो हर पल
असफार में अज़ाब की रात रहने दो

शुष्क है मरुस्थल यहाँ कब से
मरुस्थल में अभी बरसात रहने दो

बेसुध है खुमार में ग़ालिब उनके
हाथ में जाम का गिलास रहने दो

जल रहा है आग में उनकी आज तक
भूपेंद्र को होता यूँ ही ख़ाक रहने दो

भूपेंद्र रावत
6/09/2017

1 Like · 417 Views

You may also like these posts

जिंदगी! क्या कहूँ तुझे
जिंदगी! क्या कहूँ तुझे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आकाश से आगे
आकाश से आगे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ज़िंदगी
ज़िंदगी
AVINASH (Avi...) MEHRA
तुम्हारा पहला पहला प्यार
तुम्हारा पहला पहला प्यार
Akash Agam
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी एक सहेली चाय
मेरी एक सहेली चाय
Seema gupta,Alwar
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
जब चांदनी रातों मे
जब चांदनी रातों मे
कार्तिक नितिन शर्मा
हमारे राम आये है
हमारे राम आये है
Namita Gupta
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
gurudeenverma198
"जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क़ में कैसी हार जीत
इश्क़ में कैसी हार जीत
स्वतंत्र ललिता मन्नू
2889.*पूर्णिका*
2889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लपेट कर नक़ाब  हर शक्स रोज आता है ।
लपेट कर नक़ाब हर शक्स रोज आता है ।
Ashwini sharma
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
राधा/किशोर छंद...!
राधा/किशोर छंद...!
पंकज परिंदा
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
आर.एस. 'प्रीतम'
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
पूर्वार्थ
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय*
Justice Delayed!
Justice Delayed!
Divakriti
काली रजनी
काली रजनी
उमा झा
*आजादी और कर्तव्य*
*आजादी और कर्तव्य*
Dushyant Kumar
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
पूर्ण विराम :
पूर्ण विराम :
sushil sarna
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
नदियों के नज़ारे
नदियों के नज़ारे
Sarla Mehta
Loading...