Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

अभिव्यक्ति

“अभिव्यक्ति स्वतन्त्रता एवं वैचारिक सहिष्णुता”

अभिव्यक्ति की, स्वतंत्रता के, असल मायने होते हैं
विचारों को बिना किसी भय या दबाव के कह पाना

व्यक्ति, एवं उस की अभिव्यक्ति का, भेद जान पाना
किस व्यक्ति ने नहीं, क्या कहा गया है, ये सुन पाना

इसी तरह वैचारिक सहिष्णुता के सही मायने होते हैं
सभी विचारों का, अपने विवेक से सम्मान कर पाना

चरित्र, अतीत, परिवेश, गुणों अवगुणों से परे हट कर
व्यक्तिपरक नही विषयपरक वैचारिक अनुग्रह पाना

एवं यदि कहीं ये विचार आपके अंतर्मन को छू जाएं
तो व्यक्ति नही उन विचारों पर चिंतनमंथन कर पाना

~ नितिन जोधपुरी “छीण”

24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
पहली बैठक
पहली बैठक "पटना" में
*प्रणय प्रभात*
मर मिटे जो
मर मिटे जो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
माँ का अछोर आंचल / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अछोर आंचल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जो बीत गया उसके बारे में सोचा नहीं करते।
जो बीत गया उसके बारे में सोचा नहीं करते।
Slok maurya "umang"
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
Manoj Mahato
आषाढ़ के मेघ
आषाढ़ के मेघ
Saraswati Bajpai
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Madhu Shah
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने
Shweta Soni
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏
मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
रेखा कापसे
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
Phool gufran
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
2443.पूर्णिका
2443.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बरसात
बरसात
लक्ष्मी सिंह
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
धूतानां धूतम अस्मि
धूतानां धूतम अस्मि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परत दर परत
परत दर परत
Juhi Grover
Loading...