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8 Jan 2022 · 1 min read

अभिव्यक्ति

2212 2212 2212 22
छंद-माधुरी
उर भावना अनुभूतियों का भान होता है,
अभिव्यक्त कर पाना कहाँ आसान होता है ।

संवेदनाएं भावनाएं मूकदर्शक बन,
आधात सहते पथ पथिक नादान होता है।

संवाद सुन अंतर छुपा सब सार तत्वों का,
व्यक्तित्व का दर्पण यही प्रतिमान होता है।

जो प्राण तन में फूंक दे नवचेतना भर दे,
मानव हृदय में सूर्य सा गतिमान होता है।

जो तृप्त करती हो हृदय को कर्ण प्रिय वाणी,
शालीनता हो शब्द में सम्मान होता है।
-लक्ष्मी सिंह

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